पैरों में जलन होना एक बहुत ही सामान्य बात है और सबको कभी ना कभी पैरों में जलन महसूस होती है, अधिकांश मामलों में अपने आप ही ठीक हो जाती है।
पैरों में जलन होने के बहुत से कारण हैं जैसे अधिक चलना, नंगे पैर घूमना, सही नाप के जूते न पहनना, अधिक देर तक खड़े रहना, पैर में चोट लगना या कोई नस खींच जाना इत्यादि।
इन सब कारणों की वजह से अगर पैरों में जलन हो रही है तो यह आराम करने से या कुछ समय बाद अपने आप ही ठीक हो जाती है।
लेकिन पैरों में लगातार जलन होना कुछ गंभीर बीमारियों की तरफ भी संकेत देता है।
आईए समझते हैं की पैरों में जलन का कारण क्या होता है?
पैरों में जलन क्यों होती है
पैरों में जलन होने का कारण कुछ बीमारियां भी होती हैं जो यह संकेत देती हैं की शरीर में कुछ गड़बड़ है और आपको इसकी जांच करवाकर ईलाज शुरू करना चाहिए।
यह दिक्कत कई बीमारियों के कारण हो सकता है जैसे
डायबिटीज
डायबिटीज के मरीजों में अक्सर यह दिक्कत हो जाती है।
यह तभी होता है जब आपकी शुगर नियंत्रण के बाहर हो जाती है जिसकी वजह से यह पैरों की नसों और कोशिकाओं को डैमेज करने लगती है।
इसमें मरीज को पैरों में जलन और झुनझुनाहट सी महसूस हुआ करती है और कई बार ऐसा लगता है की पैर सुन्न सा हो गया है।
ऐसे लक्षण दिखने पर आपको डॉक्टर से सम्पर्क करके अपनी शुगर की जांच अवश्य करवानी चाहिए और शुगर की दवाई नियमित समय पर लेना चाहिए।
इसे डायबिटिक न्यूरोपैथी भी कहते हैं क्योंकि इसमें पैरों की नसों और कोशिकाओं को बढ़े हुए शुगर के कारण उचित पोषण और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता और नसें डैमेज होनी शुरू हो जाती हैं।
शराब का अधिक सेवन
शराब के अधिक सेवन से पैरों में जलन की समस्या हो सकती है।
शराब के अधिक सेवन से ओक्सीडेटिव स्ट्रेस (Oxidative stress) बढ़ने लगता है और जिसके कारण नसें डैमेज होने लगती हैं।
जिस वजह से पैरों में जलन की समस्या शुरू हो जाती है और कई लोगों को रात में यह पैरों की जलन बहुत बढ़ जाती है।
एमीलाइड (Amyloid) न्यूरोपैथी
एमीलाइड (Amyloid) न्यूरोपैथी भी पैरों में जलन का एक मुख्य कारण होती है।
इस बीमारी में एक प्रकार का प्रोटीन जिसे हम एमीलाइड (Amyloid) कहते हैं नसों में जमा होने लगता है।
इसकी वजह से नसें डैमेज होने लगती हैं और मरीज को पैरों में जलन, झुमझुनाहट और सुन्न हो जाना जैसी दिक्कते होनी शुरू हो जाती हैं।
एनीमिया
खून की कमी होने पर शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है।
इनका मुख्य काम शरीर की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन की सप्लाई करना होता है।
लाल रक्त कणिकाएं कम होने पर शरीर की कोशिकाओं को ऑक्सीजन सही अनुपात में नहीं मिल पाती हैं और कोशिकाएं अपना काम ढंग से नहीं कर पातीं ऐसे में वो धीरे धीरे नष्ट होने लगती हैं।
ऐसी स्थिति में मरीज को पैरों में जलन होनी शुरू हो जाती है।
एथलीट फुट (Tinea Pedis)
एथलीट फुट एक फंगल इन्फेक्शन होता है जो पैरों को प्रभावित करता है।
एथलीट फुट इंफेक्शन होने पर मरीज पैरों में जलन होनी शुरू हो जाती है।
यह आसानी से एंटी फंगल क्रीम या टैबलेट से ठीक किया जा सकता है।
CMT (Charcot Marie Tooth Disease)
CMT एक अनुवांशिक बीमारी होती है और इसमें मरीज की नसों में डैमेज हो जाता है जिसकी वजह से नसें मांशपेशियों के ऊपर अपना नियंत्रण खोने लगती हैं।
पैरों में जलन होना इसका पहला और मुख्य लक्षण हैं।
दवाईयों का दुष्प्रभाव
कुछ दवाइयों जैसे कैंसर की दवाई, हार्ट की दवाई, एचआईवी की दवाई, टीबी की दवाई, दौरे रोकने की दवाई, डिप्रेशन की दवाईयां, स्टेरॉइड और परकिंसन को ठीक करने की दवाइयों के सेवन से भी पैरों में जलन होने लगती है।
अगर आप इनमें से किसी भी बीमारी का ईलाज करवा रहे हैं तो पैरों में जलन हो सकती है।
CIPD (Chronic Inflammatory Demyelinating Polyneuropathy)
CIPD एक न्यूरोलॉजिकल विकार है जिसमें नसें सूज जाती हैं या उनमें इंफ्लामेशन होने लगता है।
यह एक दुर्लभ विकार है और 1,00,000 में से सिर्फ 5 लोग ही इससे पीड़ित होते हैं।
इस विकार में नसों के ऊपर लगी हुई एक सुरक्षा कवच डैमेज हो जाता है जिसकी वजह से नसों के बीच सन्देश का आदान प्रदान होना बंद या कम हो जाता है।
इसमें दोनों पैरों में जलन होती है।
CRPS
CRPS को Complex Regional Pain Syndrome कहते हैं और यह तब होता है जब लगातार दर्द की वजह से नसें डैमेज हो जाती हैं।
लगातार दर्द का कारण फ्रैक्चर, चोट, जलना, घाव या खिंचाव हो सकता है।
यह एक बहुत ही दर्दनाक स्तिथि होती है जिसमे मरीज को पैरों में जलन के साथ साथ झनझनाहट भी महसूस हुआ करती है।
गिलेन बारे सिंड्रोम (Guillain Barre Syndrome)
यह एक ऑटो इम्यून बीमारी है जिसमें हमारे शरीर के इम्यून सेल्स हमारे पेरीफेरल नर्वस सिस्टम को अटैक कर उसे नष्ट करने लगते हैं।
इस वजह से पैरों में और शरीर के अन्य भागों में जलन होनी शुरू हो जाती है।
यह अधिकतर मामलों में किसी वायरस के इनफेक्शन के बाद हो जाता है और कई बार किसी सर्जरी के बाद भी हो जाता है।
हाइपोथायरायडिज्म
जब थायरॉयड ग्रंथि सही मात्रा में थायरॉयड हार्मोन नहीं बना पाती है तो इसे हाइपोथायरायडिज्म कहते हैं।
इसमें ईलाज ना करने पर मरीज के पैरों में जलन महसूस होती है।
विटामिन B Complex की कमी
शरीर में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी होने पर पैरों में जलन होना एक बहुत ही सामान्य लक्षण हैं।
अगर आपके पैरों में जलन हो रही है तो आपको विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की प्रॉपर डोज लेनी चाहिए, जलन खत्म हो जायेगी।
ट्रासल टनल सिंड्रोम (Trasal Tunnel Syndrome)
ट्रासल टनल सिंड्रोम तब होता है जब हमारे पैरों की टिबियल नर्व (Tibial Nerve) डैमेज हो जाती है या इसमें चोट लग जाती है।
इस सिंड्रोम में मरीज को पैरों में जलन और दर्द का अनुभव होता है।
स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी (Small Fiber Neuropathy)
स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी में हमारे शरीर के छोटे सेंसरी नर्व डैमेज हो जाते हैं।
यह बीमारी अधिकतर डायबिटीज या प्री डायबिटीज के मरीजों में विकसित होती है।
इसमें मरीज के पैरों में जलन हुआ करती है।
सार्कोइडोसिस (Sarcoidosis)
सार्कोइडोसिस एक इंफ्लेमेटरी बीमारी होती है जिसमें हमारे ग्रानुलोमा (Gralunomas) किसी अंग में अधिक मात्रा में बनने लगते हैं।
इस बीमारी में पैरों में जलन होनी शुरू हो जाती है।
पेरीफेरल आर्टरी डिजीज (PAD)
पेरीफेरल आर्टरी डिजीज एक ऐसी बीमारी होती है जिसमें पैरों से लेकर हार्ट तक जाने वाली नसें सिकुड़ जाती हैं या ब्लॉक हो जाती हैं।
इसमें आर्टरी में प्लेक जमा हो जाता है जिससे शरीर के निचले भागों में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाती और पैरों में जलन महसूस होती है।
किडनी खराब होने पर
जब किडनी खराब होने लगती है तो वह शरीर से विषाक्त पदार्थों को साफ नहीं कर पाती और यह सब पदार्थ शरीर में जमा होने लगते हैं।
इस वजह से शरीर में और पैरों में जलन शुरू हो जाती है।
यह किडनी खराब होने का एक प्रमुख लक्षण भी है।
इन्फेक्शन होने पर
शरीर में जब कोई इनफेक्शन होता है खासकर वायरस की वजह से तो शरीर में और पैरों में जलन शुरू हो जाती है।
यह इनफेक्शन हैं एचआईवी, कोविड, शिंगल्स, सिफिलिस या लाइम डिसीज।
शरीर में भारी धातुओं का जमा होना
जब किसी कारणवश शरीर में भारी मेटल्स जमा होने लगते हैं तो यह शरीर में टॉक्सिसिटी बढ़ा देते हैं।
जिस वजह से शरीर में और पैरों में जलन होने लगती है, यह मेटल्स हैं आर्सेनिक, लेड या पारा।
अन्य कारण
पैरों में जलन होने के कुछ अन्य कारण भी होते हैं जैसे हाई ब्लड प्रेशर, Erythromelalgia या गैस्ट्रिक बाईपास कॉम्प्लिकेशन।
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