प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण हर महिला में अलग-अलग होते हैं और प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में बहुत से बदलाव आते हैं जो आसानी से पहचाने जा सकते हैं।
किसी महिला में प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण बहुत जल्दी दिखने शुरू हो जाते हैं और किसी में यह बहुत देर में दिखाई देते हैं।
हालांकि कुछ लक्षण ऐसे होते हैं जिनकी सहायता से हम आसानी से प्रेगनेंसी को पहचान सकते हैं
प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण
किसी महिला का पीरियड्स का साइकिल औसतन 28 दिन का होता है।
अगर इस दौरान महिला के ओवरी में बनने वाले अंडो से कोई स्पर्म का निषेचन हो जाता है तो उसे प्रेगनेंसी कहते हैं।
प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण निम्न होते हैं जो पहले महीने में दिखाई देना शुरू हो जाते हैं
पीरियड का ना आना
पीरियड का मिस होना सबसे पहला और सबसे बड़ा लक्षण हैं प्रेग्नेंसी के होने का।
अगर पीरियड नियमित समय पर नहीं आया है तो इसका मतलब है की आप प्रेगनेंट हो सकती हैं।
यद्यपि 20% महिलाओं का पीरियड अनियमित रहता है और इसके ना आने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं।
इसलिए मिस पीरियड के साथ आपको कुछ अन्य लक्षण भी देखने पड़ते हैं।
उल्टी आना या उल्टी जैसा महसूस होना
अगर आपको उल्टी जैसा महसूस हो रहा है या आपको उल्टी आ रही है तो यह मिस पीरियड के बाद एक बहुत बड़ा लक्षण होता है प्रेगनेंट होने का।
पूरे दिन आपका मन अजीब सा रहेगा और आपको कई बार उल्टी होने जैसा महसूस होगा या उल्टी होगी।
ब्रेस्ट में बदलाव
प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण में से एक ब्रेस्ट में बदलाव भी है।
आपको ब्रेस्ट में हल्की सी सूजन, हल्का सा दर्द, निप्पल पर कालापन और निप्पल के आसपास नसों का दिखाई देना शुरू हो जायेगा।
इसका मुख्य कारण शरीर को गर्भावस्था के लिए तैयार करना है और इसका कारण शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेसट्रॉन हार्मोन का बनना होता है।
थकान और चक्कर आना
अगर आपको थोड़े-थोड़े से काम करने में भी थकान महसूस होने लगे या खड़े होने पर या कुछ काम करने पर चक्कर जैसा महसूस हो तो यह भी प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण होते हैं।
थकान और चक्कर का कारण यह होता है की शरीर को बहुत सारी ऊर्जा गर्भ में पल रहे बच्चे को विकसित करने में लग जाती है और शरीर में प्रोजेसट्रॉन का स्तर भी बहुत बढ़ जाता है।
इस वजह से थकान और चक्कर आना शुरू हो जाता है।
बार-बार पेशाब लगना
प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षणों में से एक बार-बार पेशाब लगना भी है।
प्रेग्नेंसी में गर्भाशय फैलता है जिसकी वजह से वह यूरिनरी ब्लैडर (मूत्राशय) पर प्रेशर डालता है। इस दबाव की वजह से महिला को बार बार पेशाब लगती है।
तीखा, चटपटा या खट्टा खाने का मन
प्रेग्नेंसी के शुरुआत में महिला को बहुत तीखा, खट्टा या चटपटा खाने का मन करता है।
प्रेग्नेंसी में महिला के स्वाद और सूंघने की क्षमता में बदलाव होता है इसलिए ऐसे भोजन करने का मन करने लगता है।
इंप्लांटेशन ब्लीडिंग
जैसे ही महिला गर्भवती होती है उसके 10 से 14 दिनों के अंदर ही उसे ब्लीडिंग होती है।
यह ब्लीडिंग बहुत ही कम होती है और महिलाएं इसे पीरियड समझ लेती हैं।
यह एक संकेत होता है की आप गर्भवती हो चुकी हैं।
यह ब्लीडिंग तभी होती है जब भ्रूण गर्भाशय की लेयर से जुड़ चुका होता है।
मूड में बदलाव
मूड में बदलाव गर्भावस्था का एक महत्वपूर्ण शुरुआती लक्षण हैं।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेसट्रॉन हार्मोन का स्तर बढ़ता जाता है।
इस वजह से उनको बार-बार मूड स्विंग आते हैं जैसे छोटी-छोटी बात पर इरिटेट होना, बहुत चिंता करना, अचानक से उत्साह में आ जाना या डिप्रेस हो जाना। यह सब प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण हैं।
प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण को कन्फर्म कैसे करें
प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण को कंफर्म करने के लिए मार्केट में बहुत सारी प्रेगनेंसी किट्स उपलब्ध हैं लेकिन यह किट्स 100% सही नहीं होती है।
प्रेग्नेंसी किट्स बहुत बार गलत रिजल्ट भी दिखाती हैं।
प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण को कन्फर्म करने के लिए एक ब्लड टेस्ट करवाया जाता है जिसे बीटा एचसीजी टेस्ट (Beta-hCG) कहते हैं।
बीटा एचसीजी (Beta-hCG) एक हार्मोन होता है जो प्रेगनेंट होने पर बनता है।
यह ब्लड टेस्ट 500 रुपए में आसानी से किसी भी लैब में या घर में हो जाता है।