गॉल ब्लैडर हमारे लिवर के नीचे स्थित एक अंग होता है जो हमारे पाचन तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
गॉल ब्लैडर का मुख्य काम पित्त (Bile) को एकत्रित करना और इसको पाचन की जरूरत के हिसाब से छोटी आंत में धीरे धीरे रिलीज करना होता है।
जिन लोगों के गॉल ब्लैडर (पित्त की थैली) में स्टोन हो जाता है तो उस कंडीशन में डॉक्टर गॉल ब्लैडर को पूरी तरह काट कर निकाल देता है।
जब गॉल ब्लैडर पूरी तरह निकल जाता है तो इसके द्वारा किया जाने वाले कार्य को शरीर किस तरह मैनेज करता है और क्या पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान हो सकता है शरीर को? आइए जानते हैं
पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान
पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान होने की कोई संभावना नहीं होती है और मरीज का शरीर बिल्कुल सामान्य रहता है।
गॉल ब्लैडर निकलने के बाद भी हमारा लिवर पर्याप्त मात्रा में पित्त (Bile) बनाता है बस फर्क इतना होता है की पित्त को एकत्रित करने के लिए कोई जगह (गॉल ब्लैडर) नहीं होती और पित्त लगातार थोड़ी थोड़ी मात्रा में छोटी आंत में जाया करता है।
सर्जरी के बाद बहुत ही कम मरीजों में कुछ दिक्कतें देखने को मिलती हैं जैसे
1) ऑपरेशन के बाद कुछ मरीजों में लेट्रिन की फ्रीक्वेंसी बढ़ जाती है। इसका मतलब ये हुआ कि मरीज को दिन में दो से तीन बार लेट्रिन जाना पड़ सकता है। अधिकतर मामलों में यह वसा युक्त भोजन करने के बाद होता है।
2) गॉल ब्लैडर निकल जाने से कुछ मरीजों को फैटी चीजों को पचाने में दिक्कत होने लगती है और फैट युक्त भोजन करने के बाद उनको पेट फूलना, गैस और पेट दर्द जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
3) दुर्लभ मामलों में कुछ मरीजों में गॉल ब्लैडर निकालने के बाद विटामिन A, D, E और K का अवशोषण नहीं हो पाता।
4) कुछ मरीजों को गॉल ब्लैडर सर्जरी के बाद थोड़ा थोड़ा और कई बार भोजन करना चाहिए। क्यूकी एक बार में अधिक भोजन कर लेने से पाचन सम्बंधी दिक्कतें आ सकती हैं।
5) गॉल ब्लैडर सर्जरी के बाद कुछ मरीजों में लंबे समय तक होने वाला डायरिया हो सकता है। ऐसा होने पर डॉक्टर से सलाह अवश्य लेना चाहिए।
बहुत ही कम मरीजों को ऊपर दिए गए लक्षण महसूस होते हैं। जिन लोगों को ये सब लक्षण लंबे समय तक महसूस होते हैं तो इन्हे Post Cholecystectomy कहते हैं।
6) कुछ मरीजों में खाना खाने के बाद पेट में दर्द महसूस होता है। यह अधिकतर वसा युक्त भोजन के बाद ही होता है।
गॉल ब्लैडर सर्जरी के बाद क्या सावधानी बरतनी चाहिए
कम वसा वाला भोजन करना चाहिए अन्यथा पेट दर्द, गैस, भारीपन और एसिडिटी हो सकती है।
भोजन को भरपेट नहीं खाना चाहिए बल्कि छोटे छोटे अंतराल पर थोड़ा थोड़ा भोजन लेना चाहिए।
फाइबर युक्त भोजन करना चाहिए
अगर आपको लेट्रिन दो से तीन बार या इससे अधिक हो रही हो तो चाय, कॉफी और दूध से बने पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए
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