भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए

भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए यह आपको जरूर पता होना चाहिए।

पूजा करते वक्त हमको सही दिशा का ज्ञान नहीं होता और हम लोग किसी भी दिशा में भगवान की स्थापना करके पूजा शुरू कर देते है।

पूजा करने के भी अपने विधान होते हैं।

पूजा करते समय भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए

पूजा करते समय भगवान का मुख पश्चिम दिशा में होना चाहिए और जातक का मुंह पूर्व दिशा में, आप भगवान की मूर्ति उत्तर पूर्व में भी रख सकते हैं।

मंदिर को हमेशा ईशान कोण या उत्तर पूर्व दिशा में ही रखना चाहिए क्योंकि पूजा करते वक्त यह दिशा सर्वोत्तम मानी गई है।

पूजा करते समय दीया या दीपक की दिशा दक्षिण पूर्व होनी चाहिए। अन्य दिशाओं में दीपक रखना अच्छा नहीं होता है।

घर में पूजा स्थल में कभी भी टूटी मूर्तियां मत रखें यह बहुत ही अशुभ होता है। टूटी मूर्तियां को या तो नदी में प्रवाह कर दें या किसी पेड़ के पास या पेड़ के नीचे रख दें।

घर में बना पूजा स्थल कभी भी सीढ़ियों के नीचे, बाथरूम से सटा हुआ, बाथरूम के सामने या बेडरूम में नहीं होना चाहिए।

कभी भी खड़े होकर पूजा नहीं करनी चाहिए।

घर में पूजा स्थल कभी अंधेरी जगह पर नहीं बनाना चाहिए और  पूजा स्थल वाली जगह पर अच्छा प्रकाश होना चाहिए।

भगवान को कभी भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए। भगवान की मूर्ति या फोटो जमीन से थोड़ा ऊपर ही होना चाहिए।

भगवान का मंदिर लकड़ी का बना होना चाहिए, संगमरमर का मंदिर भी शुभ माना जाता है।

घर के मुख्य द्वार पर गणेश जी, कुबेर जी या लक्ष्मी जी के पैर की फोटो होनी चाहिए। यह बहुत ही शुभ माना जाता है।

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